Member's Details
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नाम | पदनाम | मो० नं०/ दूरभाष संख्या | ईमेल | |
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नाम : | |
अध्यक्ष | 966831012 / 8969490912 | scpcr.bihar@gmail.com |
नाम | पदनाम | मो० नं०/ दूरभाष संख्या | ईमेल | |
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नाम : | पदनाम : सदस्य | 8986020982 / 8294627765 | hulesh.m@gmail.com | |
नाम : | पदनाम : सदस्य | 8709908784 / 9546082197 | Sangita.jdu@gmail.com | |
नाम : |
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पदनाम : सदस्य | 6200746994 | jyotiroy2612@gmail.com |
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पदनाम : सदस्य | 8210341803 / 9308401511 | sheelapandit1401@gmail.com |
नाम : |
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पदनाम : सदस्य | 9470649323 / 9155654177 | sugrivabvp@rediffmail.com |
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पदनाम : सदस्य | 8210195662 / 9608081632 | rakeshkumarsinghbjp@gmail.com |
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डॉ. हुलेश मांझी है। बिहार के पटना जिले के फुलवारी शरीफ प्रखंड, परसा बाजार थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम - पलंगा, पोस्ट - सुिठा से हूं। वर्तमान में ये डॉ. अंबेडकर चेयर, पटना विश्वविद्यालय, पटना में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है ।
इनकी प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा गांव के स्कूल से हुई है। इन्होंने इंटरमीडिएट की पढ़ाई पटना कॉलेज, पटना के भूगोल विभाग से पूरी की। इसके बाद इन्होंने 2003 में पटना विश्वविद्यालय, पटना के भूगोल विभाग से स्नातक और 2006 में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। जून 2008 में यूजीसी-नेट और आरजी रिसर्च फैलोशिप भी क्वालिफाई की। नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी, पटना से “पिछड़े क्षेत्र के सतत विकास” विषय पर अरवल जिले के केस स्टडी पर पीएचडी पूरी की है।
कुछ समय पहले बिहार राज्य महादलित आयोग के पूर्व अध्यक्ष के रूप में भी कार्य रहे है। वर्तमान में बिहार बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग के पदनाम : सदस्य और साथ ही सैनेट, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना के भी पदनाम : सदस्य है ।
धन्यवाद 🙏💐
संगीता ठाकुर एक प्रख्यात समाजसेवी है।इन्होंने वाणिज्य में स्नातक किया है। (capital university jharkhand) छात्र जीवन से ही समाजसेवा से जुड़ी है। जनसेवा की भावना को देखते हुए समाज के लोगों के द्वारा इन्हें मध्य विद्यालय बालक राजनगर मधुबनी का शिक्षा समिति का अध्यक्ष सर्वसम्मति से बनाया गया। जिसका कार्यकाल 2002 से 2008 तक रहा। वर्ष 2006 में पंचायत चुनाव में भागीदारी दी एवं जिला परिषद का चुनाव जीता । 2008 से 2011 तक जिला परिषद के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण समिति मधुबनी के अध्यक्ष का पदभार संभाला । वर्ष 2008 में ही जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति पदनाम : सदस्य के रूप में मनोनयन हुआ साथ ही प्रखण्ड कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति पदनाम : सदस्य के पद पर भी रही। विद्यालय शिक्षा समिति अध्यक्ष रहते हुए मैंने बालक एवं बालिकाओं को विद्यालय से जोड़ने का काम किया है। विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यक्रम में जुड़ कर महिलाओं के अधिकारों की जानकारी देना एवं महिलाओ को जागरूक करने का काम किया है। परिवार के सभी पदनाम : सदस्यों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए शराबबन्दी की आवश्यकता पर भी काम किया है। शराबबन्दी के लिए जागरूक अभियान में मानव श्रृंखला के सफल आयोजन के लिए इन्हें प्रखण्ड विकास पदाधिकारी राजनगर के माध्यम से मोमेंटो एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। महिलाओं को अधिकारों के प्रति सजग करने एवं उनके अधिकार को दिलाने एवं बाल विवाह रोकने के अभियान को आज भी चला रही है ।
संगीता ठाकुर
प्रकाण्ड राजनगर
जिला मधुबनी
डॉ० ज्योति कुमारी जी शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता है, इनकी शैक्षणिक योग्यता ललित नारायण मिथला विश्वविद्यालय, दरभंगा से मनोविज्ञान में एम०ए०, पी०एच०डी० है। मनोविज्ञान विषय में M.P.S Science College, मुजफ्फरपुर में Assistant Professor है। समाज में महिलाओं खासकर बच्चों के विकास के लिए तथा उनके अधिकारों के लिए जिला एवं प्रदेश स्तर तक इससे संबंधित संस्थाओं में जाकर इनके लिए काम करने का प्रयास करती रहती है, समस्तीपुर जिला में अपने पंचायत की मुखिया भी रही है। पंचायत का तथा पंचायत के लोगों के बीच रहकर उनके विकास के लिए प्रयासरत रहती है, समाज के कल्याण के लिए इन्होंने हमेशा बढ़-चढ़ कर काम किया है।
सरकार के द्वारा बच्चों, महिलाओं एवं छात्र-छात्राओं से जुड़ी योजनाओं की जानकारी लोगों के बीच जाकर देती है, ताकि सभी लोग ज्यादा से ज्यादा योजनाओं का लाभ ले सके।
(ज्योति कुमारी)
पदनाम : सदस्य
बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग,
बिहार, पटना।
श्रीमती शीला पंडित ने मानव संसाधन (एचआर) में मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) किया है। इसके अलावा, उन्होंने इतिहास में कला स्नातक (बी.ए.) और शिक्षा स्नातक (बी.एड.) की डिग्री भी प्राप्त की है।
उन्होंने वर्ष 2011 में पटना जिले के पूर्व मनेर क्षेत्र से जिला परिषद के रूप में कार्य किया। इसके अतिरिक्त, वह भारतीय रेलवे वित्त निगम की स्वतंत्र निदेशक भी रह चुकी हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका व्यापक योगदान रहा है और उन्होंने कई संस्थानों में कार्य किया है, जैसे - सनराइज कॉन्वेंट स्कूल, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश; ज़ेडबी ज़कारिया इंग्लिश हाई स्कूल और मदर मैरी इंटरनेशनल स्कूल, मुंबई, महाराष्ट्र; और ईशान इंटरनेशनल गर्ल्स स्कूल, दानापुर, बिहार।
वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और समाज तथा परोपकार के कार्यों में सक्रिय रहती हैं। उन्होंने प्रारंभिक छात्र जीवन से ही बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। गांवों से लेकर शहरों तक, विशेषकर पटना में, छोटी दुकानों पर काम करने वाले बच्चों को स्कूल भेजने और दुकानदारों को बाल श्रम न करने के लिए जागरूक करने का कार्य किया। उन्होंने विकलांग बच्चों को प्रोत्साहित करने, बच्चों के खिलाफ होने वाली घरेलू हिंसा को रोकने और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए भी कार्य किया।
वह “दियारा बचाओ, भारत बचाओ” कार्यक्रम में गंगा नदी के संरक्षण हेतु भागीदारी कर चुकी हैं। इसके साथ ही, किसानों के आंदोलन में भी सक्रिय भाग लिया, जहां चक्रवात से नष्ट हुई फसलों के लिए राहत कोष दिलाने के लिए प्रयास किया गया। उन्होंने अन्य कार्यक्रमों में भी सक्रिय भागीदारी की, जैसे “महिला सशक्तिकरण सुधार कार्यक्रम” जो यूनिसेफ द्वारा दिल्ली में आयोजित किया गया था, गांव विकास कार्यक्रम और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दो रैलियों का आयोजन पटना ग्रामीण क्षेत्र में किया।
डॉ सुग्रीव दास की ख्याति प्रखर चिन्तक,प्रगतिशील विचारक, समाजसेवी और मानवतावादी के रूप में रही है। उन्होंने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त मधेपुरा वि वि से इतिहास विषय में स्नातकोत्तर और पी एच डी की उपाधि प्राप्त की। मधेपुरा ही उनकी समाजसेवा व शिक्षा सुधार हेतु विविध कार्यक्रमों और आंदोलनों का केन्द्र बना। उनके संघर्ष और जीवट व्यक्तित्व के कारण उन्हें प्रदेश स्तर की जिम्मेवारी सौंपी गई। वर्ष 2008 के कोसी क्षेत्र में बाढ़ की विभीषिका के दौरान उन्होंने बढ़ चढ़कर मानवता की सेवा की। वर्ष 2015 के प्रलयंकारी भूकम्प के समय पड़ोसी देश नेपाल में उनके मानवीय कार्यों की भूरि भूरि सराहना हुई। वर्ष 2020 _21 में कोरोना महामारी जैसी वैश्विक विभीषिका के समय जबकि आम खास सभी त्रस्त होकर घरों में दुबके पड़े थे तो Dr दास के नेतृत्व में छात्र युवाओं की टोली द्वारा किए गए मानवता की सेवा के हम सभी साक्षी हैं। परिषद् की पाठशाला, बाल संस्कार केन्द्र,मिशन साहसी , निःशुल्क शिक्षा शिविर जैसे अनेक कार्यक्रमों द्वारा समाज के निचले पायदान पर गुजर बसर करने वाले बच्चों , छात्र छात्राओं के शारीरिक , शैक्षिक व मानसिक उन्नयन में आपका योगदान प्रशंसनीय है। छात्र व विश्वविद्यालय की राजनीति का आपको लंबा अनुभव है।
राकेश कुमार सिंह, एम०ए० लोक प्रशासन (मगध विश्वविद्यालय) एन०एन० कॉलेज, पटना। 1988 से सामाजिक एवं राजनीतिक कार्य में सक्रिय। अनेको पत्रिकाओं में समाज से जुड़े विषयों के संदर्भ में लिखते रहे है। अखबारों में भी अलग-अलग विषय के बारे में अपनी राय रखते हैं। साथ ही बच्चों, महिलाओं एवं अंतिम पायदान पर रहने वाले लोगों के पास केंद्र एवं राज्य सरकार की योजना का लाभ मिल जाय इस पर काम करते हैं। दिव्यांग बच्चों को प्रोत्साहित करने तथा घरेलु हिंसा, लोगों को जागरूक करने, रक्तदान के लिए प्रेरित करना।
गाँव से लेकर शहर तक बच्चे जो दुकान में काम करते है उन बच्चों को स्कूल भेजने के लिए दुकानदारो एवं बच्चों को प्रेरित करना। बीमार एवं लाचार लोगों की सेवा करते रहते है। खासकर बीमार लोगों को अस्पताल तक पहुँचाने के लिए तत्पर रहते है। कमजोर वर्ग के बच्चों को स्कूल भेजने के लिए हमेशा लगे रहते है।
राकेश कुमार सिंह ( पदनाम : सदस्य)
बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग,
बिहार, पटना।